The Changing Face of Varanasi – वाराणसी का बदलता स्वरुप

Namo Ghat

आज इस लेख में हम आपको वाराणसी के बदलते स्वरुप (The changing face of Varanasi) के बारे में बताने का  प्रयास करेंगे। वाराणसी में विकास की नई राह चल रही है. केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद यहाँ योजनाओ और परियोजनाओं की खूब सौगात मिली है, और सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें कुछ परियोजनाए पूरी भी हो गयी हैं, और कुछ जल्द पूरी होने वाली है।

इनमे से सबसे प्रमुख है :-

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor )

 

The changing face of Varanasi
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर –The changing face of Varanasi – वाराणसी का बदलता स्वरुप

 

यह नरेंद्र मोदी जी का ड्रीम प्रोजेक्ट था। इन्होंने इस मंदिर को भव्यता प्रदान किया और इसके साथ सुविधाये भी विकसित किए। यह कॉरिडोर मणिकर्णिका घाट और ललिता घाट के बीच 25000 स्क्वायर वर्ग मीटर में बन कर खड़ा है।  इसमें फ़ूड स्ट्रीट, रिवर फ्रंट तथा तंग गलियों का चौड़ीकारण भी हुआ है। इसका observation खुद मोदी जी कर रहे है। इसका विकास होने से मंदिर में श्रद्धालु बार-बार आने के लिए उत्साहित होंगे। घाटों का सौंदर्यीकरण और स्मार्ट सिटी के तहत कई परियोजनाएं यहाँ के विकास को चार चाँद लगा रही है।

पूर्वांचल : बिज़नेस हब

Convention center
Varanasi Convention Center

रोड से लेकर ट्रीटमेंट प्लांट, नेक्स्ट जनरेशन इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर ट्रांसपोर्ट फैसिलिटी तक, जापान के सहयोग से बन रहे Convention center से लेकर सिटी कमांड के जरिए ट्रैफिक मैनेजमेंट तक, अंडरग्राउंड केबलिंग से कार्गो सेण्टर तक, किसी मेगा सिटी का कांसेप्ट देता है, तो वही साफ-सुथरे बनारस के चकाचक घाट, उनपर लगे हैरिटेज लाइट, दीवारों की पेंटिंग और कशी विश्वनाथ मंदिर के आस-पास गलियारों का निर्माण और सांस्कृतिक आयोजनों के लिए भवनों का कायाकल्प बनारस की जरुरत और शोहरत दोनों को पूरा करता है।

बाबतपुर-वाराणसी हाईवे

बाबतपुर-वाराणसी हाईवे
बाबतपुर-वाराणसी हाईवे

यह हाईवे 17.6 किलोमीटर लम्बा है. इसे गेटवे आफ बनारस कहा जा रहा है। हर एक मार्ग से इसे जोड़ दिया गया है। इससे विदेशी सैलानियों की संख्या बढ़ रही है। मल्टी मॉडल टर्मिनल – इस योजना के द्वारा गंगा में जल परिवहन के जरिये बनारस से हल्दिया तक मालवाहक जहाज भेजने के लिए इसे रामनगर में स्थापित किया गया है। यह इनलैंड वाटर परिवहन का पहला प्रोजेक्ट है। प्रधानमंत्री ने नवंबर 2018 में जब इसका उद्धघाटन किया तो उन्होंने कहा था – काशी नेचर, कल्चर और एडवेंचर का संगम बनने जा रही है।

काशी की दिवार संस्कृति 

कशी की दिवार संस्कृति
काशी की दिवार संस्कृति

काशी की संस्कृति दीवारों पर पेंटिंग द्वारा दर्शायी जाती है, जो अपनी तरफ विदेशी तथा स्वदेशी मेहमानो को आकर्षित करती है। भारत रत्न से लेकर काशी के कलाकार और महापुरषो के चित्र दीवारों पर जीवंत से दीखते है, जो काशी की सुंदरता में चार चाँद लगा रहे है।

इन योजनाओ से बदली काया

मडुआडीह रेलवे स्टेशन
मडुआडीह रेलवे स्टेशन

 

मोदी जी ने विभिन्न योजनाओ द्वारा काशी को एक नयी पहचान दी है। इनमे से कुछ योजनाए है – मडुआडीह फ्लाईओवर और रेलवे स्टेशन, कन्वेंशन सेण्टर , ऊर्जा गंगा PNG परियोजना, रिंग रोड फेज 1, बाबतपुर वाराणसी फोरलेन, IPDS, कबीरचौरा के पास हेरिटेज वाक।

निष्कर्ष (Conclusion)

इस काशी के बदले स्वरुप (The Changing Face of Varanasi) को लोग खूब पसंद कर रहे है। इससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिल रहा है, जो आने वाले भविष्य में वाराणसी के विकास में मील  का पत्थर साबित होगा। इसमें प्रमुख भूमिका हमारे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का है। इसके लिए वाराणसी के वासी इनके आभारी रहेंगे।

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